वापस गिरकर बार-बार लगातार चलना है, बस आज मुझे शायर बनाना है... वापस गिरकर बार-बार लगातार चलना है, बस आज मुझे शायर बनाना है...
बिछड़ के तुमसे मिलना है मिट के फिर हमें बनना है बिछड़ के तुमसे मिलना है मिट के फिर हमें बनना है
मिट के फिर हमें बनना है मिट के फिर हमें बनना है
अब रोता क्यों है... तनहा शायर हूँ अब रोता क्यों है... तनहा शायर हूँ
माना मोहब्बत दो जिस्मों का मेल, कहाँ दिल लग जाये,जो इंसान समझ जाये, तो ख़ुदा बन जाये,मुझे भी हुई बेइं... माना मोहब्बत दो जिस्मों का मेल, कहाँ दिल लग जाये,जो इंसान समझ जाये, तो ख़ुदा बन ज...
एक साथी बन कर अवश्य आएंगे। एक साथी बन कर अवश्य आएंगे।